Carcass of a VTR tiger found in sugarcane field, died in the fight for supremacy
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वीटीआर क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने भी बाघ के शव मिलने की पुष्टि की है, मामले की जांच की जा रही है बताया जा रहा है की पिछले एक हफ्ते से इस इलाके में बाघ डेरा जमा हुए थे, बीते 5 अक्टूबर को भी दिनदहाड़े चक्रसन गांव के समीप पांच बकरियों को मार डाला था, वही पुरैनिया गांव में राजू उरांव के घर में घुसकर बाघ ने एक बकरी का शिकार किया था।
वनकर्मियों की टीम जब बाघ की ट्रैकिंग के लिए पहुंची तो गन्ने के खेत में बाघ की दहाड़ सुनाई दी जिससे अनुमान लगाया जा रहा है की बाघ इस इलाके में डेरा डाले हुए थे, तभी वीटीआर के जंगल से निकल कर दूसरा बाघ भी इसी इलाके में आ गया, वही जहां बाघ का शव मिला है वह आपसी लड़ाई के साक्ष्य भी मिले हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है की दोनों बाघों में संघर्ष हुई होगी, जिसमें एक बाघ की मौत हो गई है।
बता दे 30 जनवरी को भी गोवर्धन की जंगल से एक बाघ का शव मिला था, वही इस संबंध में वन अधिकारियों ने माना था की बाघ और बाघिन के संघर्ष में एक की जान गई है, वही हाल के दिनों में बाघों में वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष की घटना में वृद्धि हुई है, जिसे लेकर वन विभाग के अधिकारी सकते में है।
जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह करीब आधा दर्जन लोग घास काटने के लिए चक्रसन गांव के समीप सरहा में गए थे, जहां गन्ने की खेत में बाघ का शव देखकर लोगों में भगदड़ मच गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना एसएसबी को दी, वही इलाके में बाघ के डेरा जमाए जाने से वहां के लोग दहशत में रह रहे हैं।