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एसडीपीओ ने ग्रामीणों को समझाया कि टीम शिवलिंग लेने नहीं, बल्कि यह जांच करने आई थी कि शिवलिंग कितना पुराना है। उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह दी और स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य केवल शिवलिंग की प्राचीनता का पता लगाना था। एसडीपीओ के समझाने के बाद ग्रामीण शांत हुए।