Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के कम्हरिया, गोसरा आदि गांव में जाने के दौरान बीच रास्ते में पड़ने वाले नदी के ऊपर बनाए गए छलका जो वर्षों से क्षतिग्रस्त है, स्थानीय ग्रामीण की शिकायत के बावजूद वन विभाग की नींद नहीं खुल रही है, आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त छलका पर से गुजरने वाले तेज बहाव के पानी से होकर लोग गुजरते हैं, कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।
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जानकारी देते हुए स्थानीय ग्रामीण शारदा सिंह खरवार, छैवर यादव, लालधारी यादव, अमरनाथ यादव, मनोज यादव, गोविंद यादव, शोभित यादव, दुलारे यादव सभी ग्राम कम्हरिया के निवासी ने बताया, खड़गहवा छलका लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव में जाने वाले मार्ग के बीच पड़ने वाले नदी के ऊपर बनाया गया है, जो 3 वर्षों से क्षतिग्रस्त है लगभग 12 फुट चौड़ा छलक जगह-जगह काफी क्षतिग्रस्त है, डेढ़ से 2 फीट गड्ढे हो गए हैं बारिश के दिनों में पानी का तेज बहाव होता है तो छलका के ऊपर से पानी गुजरता है गढ़ों से होकर गुजरने के कारण बाइक चालक एवं पैदल पार करने वाले ग्रामीण अनियंत्रित होकर छलके पर गिर जाते हैं, और उन्हें काफी चोटें आती हैं।
यह पूरा क्षेत्र वन विभाग के अधीन है, समस्या के निपटारे के लिए स्थानिक ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के स्थानीय कर्मी सहित कैमूर डीएफओ तक से शिकायत कर चुके हैं मगर 3 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छलकें का मरम्मती नहीं हुआ ना ही नए छलके का निर्माण हुआ, काफी शिकायत करने के बाद वन विभाग के माध्यम से जब बरसात बीत जाता है तो गढ़ों में पहाड़ी मिटृटी मोरम आदि डलवा दिया जाता है मगर जैसे ही नदी में पानी आता है, तेज बहाव में सभी मोरम आदि बह जाते हैं फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इस छलका से गुजरकर ही झरिया, कम्हरिया, गोसरा, माझीगांवा, महुली हरसौती यहां तक की करकटगढ़ जलप्रपात तक पहुंचाने का मुख्य मार्ग है, करकटगढ़ जाने वाले सैलानी भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं बावजूद वन विभाग के द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है।
वहीं जब इस मामले से संबंधित जानकारी वन विभाग के डीएफओ चंचल प्रशासम से लिए तो उनके द्वारा बताया गया, कुछ हल्का क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके मरम्तिकरण के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है, जंगल में बारिश अधिक होने के कारण छलक के ऊपर से तेज बहाव से पानी गुजरता है इस कारण आने जाने वाले कुछ समस्याएं होती हैं, छलके के ऊपर से पानी कम होने के बाद जांच करवा लिया जाएगा जहां दिक्कत होगी उसे रिपेयर करवाया जाएगा।