Homeबिहारकॉमन सिविल कोड के बाद मुगल इतिहास को लेकर जदयू भाजपा आमने-सामने

कॉमन सिविल कोड के बाद मुगल इतिहास को लेकर जदयू भाजपा आमने-सामने

Bihar: जदयू के अंदर कई बातों पर विरोध चल रहा है कॉमन सिविल कोड पर जदयू और भाजपा पहले से ही आमने-सामने हैं अब मुगलों के इतिहास को लेकर भी यही देखा जा रहा है, यह बाबू कुंवर सिंह विजयोत्सव के मौके पर भी दिखा जब आरा के सांसद आरके सिंह ने इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत बताई।

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल

वही शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार मुगलकालीन इतिहास को नहीं हटाएगी, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि सीबीएससी ने अपने सिलेबस में सुधार किया है मुगलकालीन स्टोरी और शब्द हटाए गए हैं इसका असर हमारे आने वाली पीढ़ी पर पड़ता और यह राष्ट्रवाद में रोड़े की तरह थे इसलिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।

मध्यकालीन भारत के इतिहास के विद्वान और वर्षो से इसे पढ़ाने वाले प्रोफेसर इम्तियाज अहमद ने बताया कि बिहार के नागवंशी या चेरों का इतिहास झारखंड का इतिहास हो गया है मुगल काल का इतिहास बिहार का लंबा इतिहास है इसे तो पढ़ाना ही चाहिए अगर इसे हटा दिया जाए तो बिहार का इतिहास भी गायब हो जाएगा यह कई सौ वर्षों का इतिहास है।

प्रोफेसर इम्तियाज अहमद का कहना है कि नई बातें इतिहास में आनी चाहिए लेकिन यह देखना चाहिए कि वह कितना फेक्चुअल और लॉजिकल है इतिहास व मिथक में फर्क समझना चाहिए नया पहलू तार्किक तरीके से हो तो जोड़ना ही चाहिए यह देखना बेहद जरूरी है कि इतिहास लेखन खास एजेंडे के तहत तो नहीं हो रहा है।

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