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कैमूर वन क्षेत्र में 187 ग्रेड बनाए गए हैं प्रत्येक के बीच 2 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है ट्रांजिट टीमों का भी गठन किया गया है और इससे पहले वन विभाग के कर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है विशेष प्रशिक्षण वन क्षेत्र में ही दी थी, तकनीकी जानकारियों को पीपीटी के माध्यम से दिखाई जा चुकी है, यह गणना मैनुअल और डिजिटल का सम्मिश्रण है, प्रशिक्षण देने के लिए वन प्राणी संस्थान देहरादून से एक्सपर्ट की टीम आई हुई थी।
वन प्रमंडल के वन्य प्राणियों की गणना कर आधुनिक तकनीक से साक्ष्य भी जुटाए जाएंगे, कैमूर वन प्रमंडल में वन्य प्राणियों की गणना होगी, जिसके जरिए वन प्रमंडल में मौजूद वन्य प्राणियों की मौजूदगी के साक्ष्य भी जुटाए जाएंगे, वन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले वन्य प्राणियों की खोज के लिए जगह-जगह विशेष तरीके के कैमरे लगवाए जाएंगे, इससे मौजूद वन्य प्राणियों की पहचान होगी, कैमरों के जरिए वन्यजीवों के साक्ष्य भी जुटाए जाएंगे विभिन्न हिस्सों में पद चिन्हों की भी पहचान की जाएगी।