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कैमूर में शिक्षा व्यवस्था को लेकर घोर लापरवाही दुर्गम क्षेत्रों में विद्यालय संचालन की होती है खानापूर्ति

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां विद्यालय के संचालन के नाम पर खानापूर्ति की जाती है, दूरदराज इलाकों में स्थित विद्यालय में शिक्षक जाने से कतराते हैं सेटलमेंट करके अपनी प्रतिनियुक्ति मनपसंद जगह करवा लेते हैं।

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धरहरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय
धरहरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय

स्थिति ऐसी होती है कि जिस विद्यालय में पहले से ही शिक्षकों की कमी है वहां से भी शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति दूसरे जगह कर दी जाती है, और उन विद्यालयों को अकेला एक शिक्षक संभालते हैं, इससे यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरे विद्यालय में एक शिक्षक के द्वारा बच्चों से को किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही होगी।

कैमूर जिले में शिक्षा विभाग का कारनामा ही लाजबाब है यहां विद्यालय में पढ़ाई कम प्रतिनियुक्ति प्रतिनियुक्ति का खेल ज्यादा चलता है, इस प्रतिनियुक्ति के खेल में यह भी नहीं देखा जाता कि जिस विद्यालय से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति हो रही है उस विद्यालय में प्रतिनियुक्ति के बाद शिक्षकों की क्या संख्या रह गई है इसका जीता जागता उदाहरण चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के मेढ़ पंचायत में स्थित ग्राम धरहरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय धरहरा जो वर्ग 1 से 8 तक संचालित है यहां कुल 143 बच्चों का नामांकन है, और इस पूरे विद्यालय को संचालन करने के लिए सिर्फ एक प्रधानाध्यापिका उषा देवी है जिनके द्वारा विद्यालय के कार्यभार सहित बच्चों को पढ़ाने का कार्य किया जाता है, जिसका नतीजा यह है कि कभी 10 कभी 20 तो कभी 25 की संख्या में बच्चे पहुंचते हैं।

इससे जुड़ी जानकारी लेने पर यह पता चला कि उक्त विद्यालय में कुल 4 शिक्षक शिक्षिकाएं थी, जिसमें एक नियोजित शिक्षिका काफी दूर की रहने के कारण आने जाने में हो रही परेशानी को लेकर रिजाइन मारकर चली गई, जिसके बाद में प्रधानाध्यापिका उषा देवी सहित 2 शिक्षक रामायण सिंह एवं संतोष कुमार वहां शिक्षक के नाम पर बचे, मगर बताया जा रहा है कि विद्यालय में शिक्षक के घोर अभाव के बावजूद पैसों की लेनदेन करके रामायण सिंह एवं संतोष कुमार के द्वारा अपनी प्रतिनियुक्ति किसी अन्य विद्यालय में करवा ली गई।

यह पूरा खेल वर्ष 2018 के पहले से चल रहा है जो वर्तमान समय में भी बना हुआ है, 3 शिक्षकों में 2 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति हो जाने के बाद पूरे विद्यालय में सिर्फ एक शिक्षिका और प्रधानध्यापिका के नाम पर उषा देवी बच गई, जिनके द्वारा किसी तरह से विद्यालय का कार्यभार संभालते हुए बच्चे को पढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी रहने के कारण विद्यालय में बच्चे भी नहीं पहुंचते क्षेत्र के बच्चों का भविष्य प्रतिनियुक्ति के चक्कर में बर्बाद हो रही है।

तभी पटना से प्राप्त एक आदेश पत्रांक 1679 दिनांक 13/12/2021 से आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्राप्त हुआ कि, शिक्षकों के सभी तरह की प्रतिनियुक्ति खत्म कर दी गई और तत्काल प्रभाव से शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में योगदान करना था। इस सूचना के बाद ग्राम धरहरा के लोगों में एक नई उम्मीद जगी कि अब विद्यालय में शिक्षक वापस आ जाएंगे और दोबारा फिर से पठन-पाठन का कार्य शुरू हो जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ।

13 दिसंबर को जारी आदेश के बाद भी धरहरा विद्यालय से प्रतिनियुक्त किए गए शिक्षक रामायण सिंह एवं संतोष कुमार अपने मूल विद्यालय में वापस नहीं लौटे, जिसे लेकर ग्राम धरहरा के कुछ स्थानीय लोग प्रखंड शिक्षा कार्यालय चैनपुर में आवेदन देते हुए यह शिकायत किए कि सरकार के द्वारा सभी प्रतिनियुक्ति तोड़ दी गई है, बावजूद धरहरा विद्यालय से प्रतिनियुक्त किए गए शिक्षक रामायण सिंह एवं संतोष कुमार के द्वारा अपने मूल विद्यालय में योगदान नहीं किया गया।

जब इस मामले से संबंधित जानकारी चैनपुर बीईओ बाबूलाल साहनी से लिए तो उनके द्वारा बताया गया, प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के उपरांत सभी शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में योगदान करना है, धरहरा विद्यालय में 2 शिक्षकों के द्वारा योगदान नहीं किया गया है ऐसी शिकायत मिली थी, दोनों शिक्षकों को बुलाकर निर्देशित किया गया है कि वह अपने मूल विद्यालय में योगदान करें, बावजूद आदेश की अनदेखी की जाती है तो दोनों शिक्षकों का वेतन बंद करते हुए उन पर करवाई के लिए जिला को पत्र लिखा जाएगा।

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