Bihar, कैमूर: बेलाव थाना कांड संख्या 03/2022 में एसीजेएम-V डॉ. शैल की अदालत ने शुक्रवार (15 सितंबर 2025) को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने अभियुक्त राजेंद्र राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में 3 वर्ष का कारावास तथा धारा 471 में 2 वर्ष का कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।
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फर्जी अंकपत्र पर मिली थी नौकरी
अभियुक्त राजेंद्र राम, पिता रामपूजन राम, ग्राम कुकुड़ा थाना करमचट, प्राथमिक विद्यालय दामोदरपुर में पदस्थापित था। उस पर आरोप था कि उसने फर्जी अंकपत्र के आधार पर वर्ष 2004 में बड़ागांव प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी।
उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई जांच
माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर पटना सीआईडी ने जांच शुरू की। जांच में राजेंद्र राम के अंकपत्र जाली पाए गए। इसके बाद इंस्पेक्टर जहांगीर अंसारी की ओर से 2022 में बेलाव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
चार्जशीट और गवाहियों के आधार पर सजा
पुलिस अनुसंधान के बाद राजेंद्र राम को चार्जशीट में आरोपी बनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन पदाधिकारी शुभम मिश्रा ने पैरवी की। सभी सात गवाहों की गवाही और दस्तावेजी साक्ष्यों को पर्याप्त मानते हुए न्यायालय ने दोषी को सजा सुनाई।