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सभी लोग अपने अपने यूनिफॉर्म में विद्यालय पर नजर आए, शिक्षक बच्चों को भी पढ़ाते रहे मोबाइल शिक्षकों का क्लास में नहीं गया जिंस पैंट, टी-शर्ट वाले शिक्षक नजर नहीं दिखे खास बात यह रही कि जिन विद्यालयों में एचएम महिला है उनके पति परेशान नजर आए, जो चाय पान की दुकान पर अपना समय सुबह का बिताते थे वे विद्यालय पर नजर आये।
शौचालय से लेकर कक्षाओं की साफ सफाई कराई गयी, विद्यालय परिसर में कहीं गंदगी न दिखे इस बात को लेकर सतर्क रहे, ललाट पर चंदन व धोती पहनने वाले शिक्षक भी बदले बदले से दिखे, बिजली के तार से लेकर पंखा भी कक्षाओं में लगाए गए थे, इन सारी व्यवस्थाओं के बाद भी शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक का खौफ लोगों में दिख रहा था, कोई दुर्गावती वाले विद्यालय में पहले पहुंचने की बात कर रहा था तो कोई देवहलियां को टारगेट पर रखने की बात कर रहा था तो कोई राजनीतिक जगह पर इनके पहुंच जांच करने की बात कर रहा था।
वाट्सएप ग्रुप पर शिक्ष विभाग के अधिकारी शिक्षकों को सतर्क करने में लगे रहे, सबको लाइन अप किया जा रहा था, कई शिक्षकों की रात की नींद ही हराम हो गई थी लेकिन दोपहर में जब यह पता चल गया कि कैमूर में आने की खबर अफवाह है तब लोग चैन की सांस ली वही नियमित विद्यालय आने जाने का सिलसिला शिक्षकों का शुरू हो गया है।