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यह राशि पूंजीगत व्यय के लिए होगी इसे सड़क, पुल, पुलिया, विद्युत संरचना आदि निर्माण कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा, राज्य सरकार को इसके लिए योजना बनाकर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजना होगा, सुशील मोदी ने बताया कि इससे पहले इस योजना के तहत बिहार को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 845 करोड़ और 2021-22 में 1246.50 करोड की राशि प्राप्त हो चुकी है।
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बताते चलें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में घोषणा की थी कि राज्यों को 50 वर्ष की अवधि का 1 लाख करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा, एक लाख करोड़ में 80 हजार करोड रुपए राज्यों को 15वें वित्त आयोग के फार्मूले के अनुसार दिया जाएगा, जिसमें बिहार के लिए 8640 करोड़ का प्रावधान किया गया है, 20,000 करोड़ प्रधानमंत्री गति शक्ति, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, डिजिटलीकरण प्रोत्साहन, ऑप्टिकल फाइबर, शहरी सुधार, विनिवेश के अंतर्गत राज्य को दिए जाएंगे इसमें बिहार को भी अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी इसके अतिरिक्त बिहार 27,615 करोड़ नेट ऋण विभिन्न माध्यमों से हासिल कर सकेगा।
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