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जिसके बाद थानाध्यक्ष राजीव तिवारी के नेतृत्व में टीम मंजूरा गांव पहुंची और घर को चारों तरफ से घेराबंदी कर छापेमारी की। जंहा से आरोपित बबन सिंह को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 से ही वह फरार चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। बबन सिंह पर सिर्फ कोतवाली थाना में ही नहीं, बल्कि बिहार के कई अन्य थानों में भी मामला दर्ज है। पश्चिम बंगाल और झारखंड के थानों में भी मामले दर्ज है। बबन पर हत्या, लूट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, नौकरी लगाने के नाम पर ठगी सहित कई संज्ञेय मामला है। वही एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि मामला काफी संगीन था। इसे लेकर लगातार आरोपित का ट्रेस लिया जा रहा था। मंगलवार को उसकी गिरफ्तारी कर ली गई।
दरसल आरोपित बबन सिंह केंद्रीय मंत्री का प्राइवेट पीए बमबम सिंह बनकर न सिर्फ अधिकारियों पर रोब जमाता बल्कि आम लोगों से नौकरी व ठेकेदारी दिलाने के नाम पर ठगी किया करता था। आरोपित मुंगेर सर्किट हाउस में प्राइवेट पीए बन कर रहता था, यहां से ठगी का गिरोह संचालित करता था। कोतवाली थाने की पुलिस ने अगस्त 2019 में सर्किट हाउस में छापेमारी कर पीए बमबम सिंह को गिरफ्तार किया था। बमबम बीएसएफ की नौकरी छोड़ कर ठगी करने का गिरोह बनाया था। पुलिस ने उस समय कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया था। इस मामले में धरहरा थाना क्षेत्र के विक्रमपुर दरियापुर निवासी मनोज कुमार सिंह के बयान पर कोतवाली थाना में कांड दर्ज किया गया था। इसमें बमबम सिंह के आलवे ग्रामीणाें ने बबन सिंह को भी नामजद किया था।