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बिहार भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री ने बिहार के पलटीबाज और अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आईना दिखाया है अक्सर दावा करते हैं कि बिहार में आम लोगों का शासन है लेकिन हकीकत में बिहार में लालफीताशाही है, अफसरशाही के शासन के आतंक के कारण आम जनता पीड़ित है नौकरशाह मंत्रियों के आदेशों को नहीं सुन रहे हैं आम जनता की आवाज नहीं सुनी जा रही है।
मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए कि बिहार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है साथ ही बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को लेकर श्वेत पत्र जारी करने के लिए एक उच्चस्तरीय स्वतंत्र समिति का गठन अविलंब किया जाए, वहीं मंगलवार को कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह अपने बयान पर कायम है, उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा था मैं उस पर कायम हूं, मैं अपने बयान में कोई संशोधन नहीं कर रहा हूं, जनता ने मुझे चुन कर भेजा है और जनता के सवाल पर मैं लड़ता रहूंगा।
दरअसल मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा था कि कृषि विभाग रद्दी विभाग है आप उपलब्धियों ऊपर गौर कीजिए तो लगेगा कि यह विभाग क्यों चलाया जा रहा है इसमें विभाग के अंदर विभाग है, मैं भी भूल जाता हूं, माप तौल विभाग वसूली विभाग है, बीज से लेकर बाजार तक की पूरी प्रक्रिया में सरकारों ने कृषि विभाग को चरमरा दिया, 2006 में कृषि मंडी कानून खत्म हो गया पर बिहार में कोई आंदोलन नहीं हुआ, केंद्र की सरकार ने भी मंडी कानून बदल दिया और बिहार की सरकार ने अपनी पीठ थपथपा ली कि चलो हमारे रास्ते पर केंद्र सरकार चल निकली।