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मुआवजा नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाते हुए किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के सदस्यों के द्वारा गांव में भ्रमण कर आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने को कहा गया। गांवों में भूमि अधिग्रहण में प्रभावित किसानों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया की बिना उचित मुआवजा का परिवार के सदस्यों के साथ मतदान करने मतदान केंद्रों पर नहीं जाएंगे। पीएनसी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बेस कैंप स्थल मसोई पर किसानों ने 77 दिन चले अनिश्चितकालीन धरना आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया। किसानों ने आंदोलन करने के अगले चरण में आगामी लोकसभा चुनाव में होने वाले 1 जून को भूमि अधिग्रहण में प्रभावित किसान मतदान करने बूथ पर नहीं जाएंगे।
भारत माला परियोजना में बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण एवं एन एच 219 बाई पास चौरी करण में भूमि अधिग्रहण में किसानों का 2013 वर्ष के सर्किल रेट पर मुआवजा दिया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण में कैमूर के 93 मौजा की लगभग 1700 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जा रही है। किसानों को बाजार मूल्य से बहुत ही कम मुआवजा दिया जा रहा है। किसान गांव-गांव घुमकर उचित मुआवजा नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगा रहे हैं। गांव की गलियों में घुमकर उचित मुआवजा नहीं तो किसी पार्टी को मतदान नहीं के दर्जनों किसान नारे लगा रहे थे। वोट बहिष्कार में पशुपति नाथ सिंह, महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर राजू सिंह कोर, समिति एम सिंह अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर, विकी सिंह किसान नेता अमित रंजन सिंह, वकील सिंह, लाला सिंह, संजय जायसवाल, विकास कुमार यादव, चंद्रजीत यादव, विजय प्रजापति, महेंद्र गोंड, राधेश्याम राम, रंग बहादुर सिंह, वैरिष्टर सिंह पुर्व मुखिया आदि किसान उपस्थित थे।