Homeचैनपुरकिसानों का आरोप बैठक बुलाकर नहीं उपस्थित हुए डीसीएलआर

किसानों का आरोप बैठक बुलाकर नहीं उपस्थित हुए डीसीएलआर

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय में गुरुवार काफी संख्या में किसान भारतमाला परियोजना के तहत होने वाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण से संबंधित, संबंधित किसानों की बैठक गुरुवार प्रखंड कार्यालय में डीसीएलआर के साथ होनी थी, मगर डीसीएलआर के साथ बैठक किसी कारणवश नहीं हो सकी, जिसे लेकर किसान काफी आक्रोशित दिखे।

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इससे जुड़ी जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद किसान संजय कुमार सिंह, अरविंद कुमार, नितेश पटेल, राजीव कुमार सहित अन्य लोगों के द्वारा बताया गया गुरुवार को वैसे सभी किसान जिनकी भूमि एक्सप्रेस वे निर्माण में अधिग्रहण की जानी है उन सभी लोगों के साथ चैनपुर प्रखंड कार्यालय के सभागार कक्ष में बैठक थी, सभी किसान 11 बजे उपस्थित थे, भभुआ से डीसीएलआर आए एवं उनके द्वारा कहा की बैठक नहीं होगी 2 बजे सभी किसान अपने अपने खेत पर रहेंगे, मौके पर मौजूद किसानों के द्वारा कहा गया जिस भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।

बैठक के लिए जारी पत्र
बैठक के लिए जारी पत्र

बिना जानकारी दिए ही सीमांकन किया जा रहा है, खेतों में पिलर गाड़े जा रहे हैं, जबकि संबंधित किसानों को कुछ जानकारी ही नहीं है, एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए जिस भूमि का अधिग्रहण किया गया है उस भूमि का किसानों को कितना मुआवजा मिलेगा उससे संबंधित किसी भी पदाधिकारियों के द्वारा किसी भी किसान से कोई भी बात नहीं की गई है, सभी मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं, उन्हीं सब समस्याओं को लेकर सभी किसान पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए प्रखंड कार्यालय में इकट्ठा हुए थे, मगर बिना बैठक किए ही डीसीएलआर चले गए।

वहीं जब इससे जुड़ी जानकारी डीसीएलआर भभुआ अनुपम से लिए तो उनके द्वारा बताया गया संबंधित किसानों के साथ चैनपुर प्रखंड कार्यालय में बैठक की जानी थी, मगर समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित किसानों को उनके संबंधित भूमि पर उपस्थित रहने के लिए इनके द्वारा कहा गया, ताकि संबंधित किसानों की समस्या संबंधित भूमि पर ही निपटाया जा सके, जिन जिन किसानों के द्वारा भूमि अधिग्रहण से संबंधित आपत्ति दी गई थी वैसे 23 किसान मौके पर मौजूद थे, जिनसे भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी तरह की जानकारियां उन्हें देते हुए उन्हें संतुष्ट किया गया है, इसके साथ ही कुछ वैसे भी किसान मौके पर मौजूद थे, जिनके द्वारा आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई थी उन लोगों की भी आपत्ति सुनी गई, समय के अभाव के कारण किसानों के साथ बैठक नहीं किया गया, सीधे संबंधित स्थल पर ही लोगों की समस्याओं को सुनने का कार्य किया गया है।

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