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कार्यकाल के 1 साल पूर्ण होने पर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने दिया अपने काम का लेखा-जोखा

Bihar: बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के कार्यकाल के 1 साल पूर्ण हो चुके हैं, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और मंत्री नितिन नवीन के बाद अब सम्राट चौधरी ने भी अपने काम का लेखा-जोखा दिया है, उन्होंने कहा कि 1 साल के दौरान कई बड़े निर्णय लिए गए हैं, पंचायतों की मजबूती को लेकर सरकार द्वारा किए जाने वाले कामों की भी जानकारी दी गई है।

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पंचायती राज विभाग मंत्री सम्राट चौधरी
पंचायती राज विभाग मंत्री सम्राट चौधरी

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पहली बार बिहार में ईवीएम से पंचायत चुनाव कराए गए चुनाव की पूरी प्रक्रिया डिजिटल तरीके से हुई, चुनाव में 100 से अधिक मुखिया को एक वोट से हार मिली, पंचायती राज विभाग ने कोरोना काल में हेल्थ सेक्टर में भी काम किया इसमें 1,27,56,000 परिवारों में साबुन बांटे गए, सरकार ने सभी पंचायत स्तर पर लोक सेवा केंद्र खोलने का निर्णय लिया था जिसकी शुरुआत हो गई है, बिहार के सभी पंचायत सरकार भवन में हर 3 विभाग के कर्मचारी मौजूद रहेंगे अप्रैल 2022 से पंचायत सरकार भवन में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी, जिसके बाद पंचायतों से संबंधित मामलों का निपटारा यही होगा, लोगों को अब ब्लॉक में जाने की जरूरत नहीं होगी इसके लिए पंचायतों में 8067 कार्यपालक सहायक की नियुक्ति की जाएगी।

सभी आरटीपीएस सेंटर 2 घंटा सुबह और 2 घंटा शाम को नियमित तौर पर खुलेंगे, इसके साथ ही पंचायती राज मंत्री ने कहा कि नल जल योजना लक्ष्य के करीब पहुंच गया है, पेयजल के लिए वोटर लिस्ट के अनुसार सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है, नल जल योजना को वार्ड क्रियान्वयन समिति के द्वारा की गई 30,000 करोड़ रुपए का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट पंचायती राज विभाग को देना है।

1 अप्रैल से सभी ट्रांजैक्शन इएफएमएस के माध्यम से हो जाएगा, गांव में लोहिया स्वच्छ अभियान चलाया जाएगा साथ ही गांव में कचरा प्रबंधन की भी व्यवस्था होने वाली है, नल जल योजना में घोटाले के सवाल पर सम्राट चौधरी ने बताया कि नेता विपक्ष तेजस्वी यादव जो आरोप लगा रहे हैं ऐसे में वह मुखिया और वार्ड सदस्य को अपराधी कह रहे हैं मुखिया और वार्ड के सदस्य उनसे निपट लेंगे, पंचायती राज मंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अब खुद सरकारी बैठकों में जाना होगा अब उनकी जगह पर परिवार और अन्य जनप्रतिनिधि बैठक में नहीं जा सकेंगे, सरपंचों का काम न्यायिक है उनका विकास कार्य में योगदान नहीं है।

पंच और सरपंच को विधान परिषद वोटिंग का अधिकार मिले इसे लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, वहीं मुखिया की हो रही हत्या पर सम्राट चौधरी ने कहा कि इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से 13 बिंदुओं पर निर्देश जारी किए गए हैं, अपराधिक घटना में मुखिया की हत्या होने पर एसआईटी का गठन किया जाएगा साथ ही 3 महीनों में जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी, रिपोर्ट के आधार पर स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा और अगले 3 महीने में सजा दिलाई जाएगी, इसके आलावा हत्या के बाद मृतक के परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, मुखिया अपनी सुरक्षा के लिए जिला में बने सुरक्षा समिति में अपनी बात रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षाकर्मी भी मुहैया कराए जाएंगे।

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