Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
सुबह दस बजे तक दो बच्ची चकाई से वापस लाई गई, रविवार शाम तक एक दर्जन बच्चियों को वापस बुलाया जा सका था शेष बच्चियां अभी भी छात्रावास नहीं पहुंची है, छात्रावास लौटने वाली छात्राएं अम्बाटांड़ चकाई की सोनाली कुमारी, खुशबू कुमारी, धावाटांड़ की रिंकू मुर्मू, पोंझा चकाई की प्रमिता हेम्ब्रम और बरमोरिया की सलोनी किस्कू ने बताया कि शनिवार दोपहर को ही उन लोगों को खाना मिला था रात में खाना नहीं मिला ऐसी घटना बार-बार हो रही है, इसलिए हम सभी बिना किसी को बताए एकसाथ छात्रावास से निकलकर अपने-अपने घर चले गए।
छात्राओं ने कहा कि छात्रावास की सभी छात्राओं से प्रति छात्रा 2200 रुपये परीक्षा फार्म के नाम पर प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रशांत कुमार द्वारा खुद वसूला गया और रसीद भी नहीं दिया गया इतना ही नहीं रसीद के बाबत पूछने पर उन्हें डांट दिया जाता है, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एससी, एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्र-छात्राओं के इंटरमीडिएट आवेदन फार्म भरने के लिए 1170 रुपए व अन्य कोटि के लिए 1430 रुपए राशि निर्धारित की है, 12वीं वर्ग का शिक्षण शुल्क एससी-एसटी के कला संकाय के लिए 470 रुपए एवं विज्ञान संकाय के लिए 670 रुपए निर्धारित है छात्रावास में सभी एससी-एसटी कोटि की छात्राएं हैं।इनसे 1640 रुपया ही लिया जाना चाहिए लेकिन प्रति छात्र से 560 रुपये की नाजायज वसूली की गई है।
प्रभारी वार्डन गुड्डी कुमारी ने बताया कि जब वह सुबह तीन बजे उठी तो देखा कि सभी छात्राएं छात्रावास से गायब थी, छात्रावास का गेट खुला था, उसी समय संचालक व अकाउंटेंट को फोन किया गया लगातार संचालक से बात करने का प्रयास की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया प्रभारी वार्डन ने बताया कि वह दस दिन पहले ही योगदान दिया है छात्रावास में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है शौचालय का फर्श टूटा है छत से पानी का रिसाव होता है।