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दरअसल राजेंद्र तिवारी ने 18 साल पहले अपनी बेटी की शादी के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिया था लेकिन वापस नहीं लौटा पा रहे थे बैंक की ओर से बार-बार नोटिस भेजा जा रहा था उनका कर्ज ब्याज सहित बढ़कर कुल 36 हजार 775 रुपए हो गया था इससे पहले भी नोटिस भेजा गया था लोन नहीं चुकाने पर लोक अदालत में केस पहुंचा।
बैंक के मुख्य प्रबंधक ने बुजुर्ग की गरीबी और स्वास्थ्य को देखते हुए बैंक का ब्याज माफ करते हुए 18 हजार 600 जमा करने को कहा उसके पास 5 हजार थे इस पर लोक अदालत में मौजूद उनके गांव के एक युवक ने 3000 की मदद की थी उन्होंने कहा कि मेरे पास 8000 रुपए है जो चंदा से जमा किया गया था जिसके बाद बुजुर्ग जिला जज के सामने फूट-फूट कर रोने लगे उन को रोता देख जिला जज राकेश सिंह ने अपने पास से 10 हजार 600 नकद देकर बुजुर्ग को कर्ज से मुक्त करा दिया जिला जज के इस कदम की न्यायालय परिसर में प्रशंसा हो रही है लोग उनके इस कदम की सराहना कर रहे हैं।