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पोस्टर लेकर चलना गुनाह नहीं है। यदि कोई व्यक्ति दंगा फैलाता है तो वह गुनाह है। उसे सरकार सजा दे। लेकिन उनका संवैधानिक अधिकार कोई नहीं छीने। औवेसी ने मौलाना काफरी के शब्द को बयां करते हुए कहा कि इन जालिम हुक्मरानों की कोशिश है कि हमारे दिल से रसूल का नाम हटा दें। जबकि सरकार को जो करना चाहिए वो नहीं कर रहे।सरकार सीमांचल की दुर्दशा दूर नहीं कर सकी। भ्रष्टाचार समाप्त नहीं कर सकी। अस्पताल दुरुस्त नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई सीमांचल में यहां की लीडरशिप बढ़ाने को लेकर है। सभी को अपनी लड़ाई खुद लड़ना होगा। अपने बच्चों के मुस्तकबिल को देखकर व इंसाफ के नाम पर वोट देंगे तभी सीमांचल में आपका लीडर होगा। उन्होंने वर्तमान विधायक पर निशाना साधते हुए कहा की जिस तरह उन्होंने छह करोड़ रुपये लेकर बहादुरगंज विधानसभा के लोगों को ठगने का कार्य किया है। जनता इस बार उसका जवाब जरूर देगी।
वही पूर्व विधायक तौसीफ़ आलम ने कहा की जनता ने मुझे चार बार विधायक बनाया। वर्ष 2005 में नामांकन के बाद मुझे जेल जाना पड़ा था। अगर जनता मुझे उसे वक्त नहीं विजयी बनाती तो मुझे कांग्रेस पार्टी का टिकट भी नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि मेरे लिए हार या जीत मायने नहीं रखता। जनता की सेवा करना ही मकसद है। उन्होंने वर्तमान विधायक अंजार नईमी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वर्तमान विधायक जिस पार्टी मे है उसके नेता प्रतिपक्ष भी अनपढ़ हैं। सभा को महाराष्ट्र के पूर्व विधायक वारिस पठान, हैदराबाद के विधायक माजीद आलम, जिला परिषद चैयरमैन प्रतिनिधि फैयाज़ आलम, प्रखंड अध्यक्ष अमौर शाहिद आलम, कोचाधामन के सादिक समदानी, बहादुरगंज के हसन अंजुम सहित अन्य ने संबोधित किया।



