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जिस कारण कालेज मे अफरातफरी मच गई। जिसके बाद प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा के द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देकर आक्रोशित छात्रों को शांत कराया गया। जिसके बाद प्राचार्य ने एंटी रैगिंग कमिटी का आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में एंटी रैगिंग कमिटी के चेयरमैन एवं प्रशासनिक पदाधिकारी डा. संजय कुमार ने रैगिंग को लेकर सात छात्रों को दोषी मानते हुए उन्हे दंडित करने का प्रस्ताव दिया। प्राचार्य ने एंटी रैगिंग कमिटी के चेयरमैन की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए पारामेडिकल वर्ष 2024 के 7 पारामेडिकल छात्रों को 15 दिनों के लिए कालेज से निष्कासित कर दिया। प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा ने बताया कि पारामेडिकल वर्ष 2025 में नामांकित एक छात्र ने सीनियर बैच 2024 के कुछ छात्रों द्वारा कालेज आने-जाने के दौरान रैगिंग करने की शिकायत की थी।
दोषी पाए जाने पर 7 छात्रों को कालेज से निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि रैगिंग पर प्रतिबंध है। इसका अनुपालन कराने का सख्त आदेश एंटी रैगिंग कमिटी के सदस्यों को दिया गया है। कोई भी छात्र रैगिंग करते पकड़े जाते हैं या उनके विरुद्ध शिकायत मिलती है तो सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दे की बीते साल 2023 के दिसंबर में 2022 बैच के 70 पारामेडिकल छात्रों पर रैगिंग मामले में कार्रवाई हुई थी। पूरे बैच को एक सप्ताह के लिए प्राचार्य ने निलंबित कर दिया था। उस दौरान पीड़ित छात्र ने सीनियर पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया था। वहीं वर्ष 2023 के नवंबर में एसकेएमसी में एमबीबीएस के छात्र ने सीनियर के खिलाफ रैगिंग की शिकायत की थी। इसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट पर करीब सौ छात्रों को 15 दिन के लिए कालेज से निष्कासित कर दिया गया था। सभी को छात्रावास खाली करने का आदेश भी दिया गया था।



