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प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार के दोपहर पेट व छाती में दर्द होने की शिकायत पर सुरक्षा कर्मियों के द्वारा बंदी को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। जहां तबीयत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर अभिषेक गौरव के द्वारा कैदी वार्ड में भर्ती किया गया था। उस वक्त स्थिति सामान्य थी। लेकिन सोमवार के देर रात अचानक उसके पेट व छाती में तेज दर्द होने लगा फिर इलाज के दौरान प्रदीप यादव की मौत हो गई। शिवनंदन यादव व अन्य स्वजन ने बताया कि मारपीट व एससी एसटी मामले में बेल टूटी की वजह से 14 दिसंबर को प्रदीप यादव जेल गया था।
इस दौरान जेल के अंदर से पैसा की डिमांड लगातार की जा रही थी। 20 हजार मांगा गया था। कई बार पर पैसे भी भेजा गया था। जिसका साक्षी स्क्रीनशॉट उनके पास मौजूद भी है। इतना ही नहीं इलाज के नाम पर जेल के अंदर से विकास पांडेय नामक सख्श के द्वारा 2500 रुपया लिया गया था। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान जब प्रदीप यादव की तबीयत में सुधार नहीं हुई थी तो उन्हें पटना ले जाने के लिए भी कहा गया था। लेकिन जेलकर्मियों के द्वारा उन्हें पटना नहीं ले जाया गया।। आगे स्वजन ने यह भी आरोप लगाया की जेल के अंदर प्रदीप यादव की पिटाई की गई है। जिस वजह से उसकी मौत हुई है। फिलहाल प्रदीप की मौत के बाद अब तक कोई भी जेल प्रशासन अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। जिससे परिवार वालों में आक्रोश व्याप्त है।