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पुलिस-प्रशासन को खुली चेतावनी है कि सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी। पुलिस और प्रशासन को खुली छूट है कि जिस भाषा में यह समझें समझाया जाए। ऐसी घटना में परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जो शामिल होंगे उनपर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं। जब बालू माफिया शांत हो सकता है तो भू-माफिया भी होंगे। इन्हें जो भी ताकत देंगे वह भी नहीं बचेंगे। वही पत्रकारों के जमीन विवाद के कारण अपराध बढ़ने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डीएम को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जमीन से जुड़े अधिकारियों की बैठक करें। लंबित मामलों की गहन समीक्षा करें।
संबंधित अधिकारियाें से स्पष्टीकरण लें। जिन मामलों में स्पष्ट न्याय दिया जा सकता है उसे भी लटकाने वाले कर्मचारी और पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस तरह के मामले संज्ञान में आएंगे तो उन्हें नौकरी से भी हटाने की प्रक्रिया की जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव का समय है। हर घटना को लोग राजनीतिक एंगल से देखेंगे। हमारी सरकार बचातें हैं ना फंसाते की नीति पर चलते हैं। मगर गलत करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसी मानसिकता के लोगों को हर हाल में कुचल दिया जाएगा। चाहे जिस सीमा पर जाना पड़े। जरूरत पड़ेगी तो पुलिस इनकाउंटर से भी पीछे नहीं हटेगी। प्रेस वार्ता के दौरान एसएसपी सुशील कुमार और डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम भी मौजूद थे।