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दरअसल गुरुवार को शेखपुरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने उक्त बातें कहीं उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों और नेताओं ने बहिष्कार का फैसला लिया है उउनमें राजनीतिक परिपक्वता का अभाव है यह लोग लोकतांत्रिक मर्यादा से ऊपर अपने विरोध राजनीति अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दे रहे हैं।
यह सरकार का अधिकार है कि किससे उद्घाटन कराया जाए इसमें महामहिम राष्ट्रपति के अपमान की कोई बात नहीं है राज्य में भी कई ऐसे अक्सर देखे जाते हैं जब राज्यपाल के बजाए मुख्यमंत्री उद्घाटन करते हैं संसद भवन के उद्घाटन के वहिष्कार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राजनीतिक नौटंकी बताया।