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बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा है की उत्तराखंड सरकार का फैसला स्वागत योग्य है इसे बिहार में भी लागू करना चाहिए उन्होंने कहा की यह कानून किसी पार्टी का नहीं, बल्कि राष्ट्र का कानून है इस कानून से सब का भला होने वाला है इसलिए इसको बिहार में भी लागू करने के लिए बिहार कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।
बता दे की समान नागरिक संहिता भाजपा का काफी पुराना एजेंडा रहा है, उत्तराखंड में इसे लागू करने के बाद से ही बिहार में भी इसकी धमक महसूस की जाने लगी है, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की उत्तराखंड सरकार का फैसला है कुछ लोग इसे गलत अर्थ में रहते हैं इसका मतलब सभी धर्मों को आजादी देना है इसका उद्देश्य सभी बच्चों, महिलाओं और नागरिकों को समान अधिकार देना है।
वही राजद कांग्रेस ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के फैसले पर सवार खड़ा करते हुए राजद और कांग्रेस ने इसका विरोध किया है, राजद के प्रवक्ता मृतुंजय तिवारी ने कहा है की यह सरकार नहीं बल्कि आरएसएस का एजेंडा लागू किया जा रहा है सरकार सभी धर्मों को बांटकर राजनीति करना चाहती है देश में गरीबी और बेरोजगारी सबसे बड़े मुद्दे हैं लेकिन बीजेपी सिर्फ अपने एजेंडे को लागू करने में लगी है।
वही कांग्रेस ने भी इसका विरोध जताते हुए इसे वर्ष 2024 की तैयारी करार दिया कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा की बीजेपी अपनी इस मुद्दों के साथ साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जाना चाहती है और इसके लिए माहौल बनाया जा रहा है, यह कानून केंद्र सरकार लागू कर सकती है पर राज्य सरकार ऐसी बातों को छेड़ कर माहौल बना रही है उन्होंने कहा की इस मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर अपनी बात रखनी चाहिए।
उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा पास समान नागरिक संहिता का विरोध जताते हुए जदयू के एमएलसी खालिद अनवर ने कहा की जो कानून सभी धर्मों को जोड़ने और संस्कृति को बचाने वाला है उसका स्वागत करते हैं लेकिन किसी भी वैसे कोड का हम विरोध करते हैं जो धर्मों के आपसी भाईचारा और संस्कृति को खत्म करता है।