Maternal death during treatment, relatives created a ruckus at the clinic
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मृतका की पहचान झाझा थाना क्षेत्र के लहरनिया गांव निवासी परमानंद यादव की पत्नी फूलकुमारी देवी के रूप में की गई है, इस घटना के बाद शव के साथ परिजन रात भर क्लीनिक पर अड़े रहे, जिसके बाद सुबह होते ही धीरे-धीरे लोगों की भीड़ क्लीनिक के बाहर जुटने लगी, आक्रोशित भीड़ द्वारा डॉक्टर को बुलाने की मांग की जा रही थी।
कई घंटों तक डॉक्टर के नहीं आने के बाद आक्रोशित भीड़ जमकर हंगामा करने लगी, हंगामा की सूचना के बाद क्लिनिक पर पहुंचे, टाउन थानाध्यक्ष चंदन कुमार के द्वारा लोगों को समझा बुझाकर कड़ी मशक्कत के बाद शांत कराया गया साथ ही मामले को रफा दफा कर सभी लोगों को घर भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार महिला 7 माह के गर्भ से थी, लेकिन गर्भ में ही बच्चे के नुकसान होने की बात झाझा के एक निजी डॉक्टर के द्वारा कही गई थी, परिजनों ने बताया की किसी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन करने की बात कही गई थी, लेकिन जब महिला को फूलवती मेमोरियल क्लीनिक में भर्ती कराया गया तो डॉक्टर आफताब द्वारा साधारण प्रसव के तहत ही बच्चे को निकल दिया गया, आधा घंटा बाद महिला को रक्तस्राव होने लगा, लेकिन डॉक्टर द्वारा ब्लड चढ़ने की भी बात नहीं कही गई थी, जिससे महिला की मौत हो गई।
वही रक्तस्राव होने के काफी देर बाद जब महिला की स्थिति गंभीर होने लगी तो उसे पुष्पांजलि इमरजेंसी अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन एंबुलेंस चालक पुष्पांजलि अस्पताल ले जाने के बजाय सिंगापुर लेकर पहुंच गया, काफी देर बाद जब चालक की नींद टूटी तो इधर उधर भटकते हुए महिला को पुनः अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।