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जानकारी के अनुसार दुर्गावती थाना क्षेत्र के सरियांव गांव में लोक प्राधिकार द्वारा गत वर्ष 22 जून को आशा कार्यकर्ता का चयन किया गया था आम सभा के माध्यम से लोक प्राधिकार द्वारा गांव के कन्हैया कुमार की पत्नी अनीता देवी का आशा कार्यकर्ता के रूप में चयन किया गया इस चयन को सरियांव ग्राम निवासी सुनीता कुमारी ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष चुनौती दी थी, मामले की सुनवाई के दौरान पीजीआरओ ने चयन से संबंधित प्रक्रिया की जांच की और ग्राम सभा में उपस्थित व्यक्तियों को बुलवाकर हस्ताक्षर का मिलान करवाया जिसमें अधिकतर लोगों का हस्ताक्षर फर्जी पाया गया।
बुधवार को आशा के चयन को रद्द करते हुए पीजीआरओ ने चयन को रद्द करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया उन्होंने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे चयन को रद्द करते हुए इस न्यायालय को सूचित करें वहां पुनः नियमानुसार आशा का चयन किया जाएगा।
इसी तरह की दुर्गावती प्रखंड की पिपरी गांव में पंचायत सचिव के चयन की प्रक्रिया में गड़बड़ी मिली परिवादी संतोष राजभर द्वारा लाए गए इस मामले की सुनवाई के दौरान कई तथ्यों की जांच पड़ताल की गई जिसमें पाया गया कि वार्ड सभा की कार्यवाही की बैठक में कुल 40 मतदाता थे, इस सभा के अनुरक्षण में कोई भी सरकारी कर्मी मौजूद नहीं था, सभा का कोरम के लिए कम से कम 50 लोगों तथा सर्वेक्षण के रूप में एक सरकारी कर्मी की मौजूदगी अनिवार्य है लेकिन पिपरी गांव में पंचायत सचिव की बैठक में ऐसा नहीं किया गया जिसके कारण पंचायत सचिव के निर्वाचन को गलत करार दिया गया है और पूरा नियमानुसार निर्वाचन प्रक्रिया को पूरा कराने का आदेश दिया गया है।