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सभी ठिकानों पर निगरानी के अलग-अलग टीम मौजूद रहे और कागजात से लेकर सब कुछ खंगाला गया का मनोरमा अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 201 जितेंद्र कुमार के नाम पर मिला है जबकि फ्लैट नंबर 202 का बिजली कनेक्शन भी इनके नाम पर है इस कारण आशंका है कि इस फ्लैट के मालिक भी यही है पटना के संदलपुर में स्थित मातृछाया अपार्टमेंट का फ्लैट नंबर 301 ड्रग इंस्पेक्टर के नाम पर ही मिला है बिहार कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्रिंसिपल भी जितेंद्र कुमार ही है।
इस कैंपस से निगरानी टीम के हाथ उनके नाम पर रजिस्टर्ड पंजाब नंबर की एक स्कॉर्पियो, एक पोलो कार, एक बाइक मिली है टाटा एआईजी की एक पॉलिसी भी मिली है, पटना के सुल्तानगंज वाले घर से करीब 4 कॉल रुपए कैश मिला है जिस गिनती के लिए मशीन मंगाई गई है, लेकिन कैश की गिनती आज नहीं हो पाई है, मुख्यालय के अनुसार कैश की गिनती अब रविवार को की जाएगी, इनकी आवाज से जो जेवरात मिले उन्हें 12 हजार रुपए की कीमत का हीरा, 36.48 लाख रुपए से अधिक की कीमत की करीब पौन किलो सोना, 1.66 लाख से अधिक की कीमत की तीन किलो चांदी बरामद किया गया है।
पटना के ही ईस्ट बोरिंग कैनल रोड में जितेंद्र कुमार एक फ्लैट खरीदा है उसका दूसरा प्लेट झारखंड की राजधानी रांची में खरीदा है, जांच टीम का दावा है कि काली कमाई के जरिए अर्जित की गई चल अचल संपत्ति से जुड़े और भी कई कागजात मिल सकते हैं और इस मामले में खुलासा हो सकता है, आरोप है कि सरकारी नौकरी करते हुए उन्होंने जमकर भ्रष्टाचार किया है इनके खिलाफ राज्य सरकार के पास लगातार शिकायतें आ रही थी इसके बाद ही मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा गया इनके ऊपर लगे सभी आरोप की जांच की गई तो उनके खिलाफ काफी सबूत मिले।