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कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है, बिहार के बाहुबली नेता रहे शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने के लिए जो विशेष गुप्त योजना बनी थी उसमें भी राजविंदर सिंह भट्टी ने ही अंजाम दिया था और साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त विशेष तौर पर उन्हें राष्ट्र केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बिहार लाया गया था जिसके बाद उन्हें सिवान के डीआईजी के रूप में पदभार सौंपा गया था।
बिहार पुलिस में पहले से ये डीजी स्तर पर प्रमोट किए जा चुके हैं, इसके बाद उन्हें बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस का पहला डीजी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बनाया था, बिहार के नए डीजीपी के कार्यकाल काफी लंबा चलने वाला है क्योंकि इनके रिटायर होने की तारीख 30 सितंबर 2025 है।
वर्तमान डीजीपी संजीव कुमार सिंघल का कार्यकाल 19 दिसंबर को खत्म हो जाएगा वह सोमवार को रिटायर हो जाएंगे बिहार सरकार की तरफ से नए डीजीपी के लिए कई नाम यूपीएससी(UPSC) को भेजे गए थे, वहां से 3 नाम फाइनल करके भेजे गए जिसमें इस पद के लिए रेस में सीनियरिटी के हिसाब से 1988 बैच के आईपीएस मनमोहन सिंह तथा जो 26 फरवरी 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है, दूसरा नाम 1989 के बैच के आईपीएस व बिहार पुलिस के डीजी ट्रेनिंग आलोक राज का था, वही तीसरा नाम लिस्ट में राजविंदर सिंह भट्टी का था और मुख्यमंत्री ने इन्हीं के नाम पर मुहर लगाते हुए नए डीजीपी घोषित किया।