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इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या राहत मिली कड़ी फटकार लगाई गई है, कोर्ट ने एक प्रकार की चेतावनी दी है कि उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी वह भी तो धमकी दे रहे थे कि रिटायरमेंट के बाद भी देख लेंगे, आपके बच्चे हैं कि नहीं कोई व्यक्ति जांच एजेंसी को इस प्रकार की धमकी दे तो यह बहुत बड़ा मामला है।
अदालत ने उनकी वरीयता को देखते हुए उनकी जमानत को रद्द नहीं किया है लेकिन डिप्टी सीएम की पद पर रहते हुए किसी व्यक्ति की तरफ से इतना ही कह देना इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है आगे उन्होंने कहा कि यह तो माफी मांगना है अगर हिम्मत है तो उन्हीं वाक्यों को दोहराकर दिखाए, कोर्ट में एक डिप्टी सीएम को भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में जाना इससे बड़ा अपमान किया हो सकता है।
कोर्ट ने चेतावनी दी और फटकार लगाई है इससे बड़ा अपमान की क्या हो सकता है आपको हाजिर होना कोर्ट के अंदर ऐसे व्यक्ति को इस्तीफा दे देना चाहिए वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पर भी निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि मैं भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करूंगा लेकिन एक ऐसे व्यक्ति को डिप्टी सीएम बना रखा है एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के आईआरसीटीसी घोटाले के अंतर्गत अभियुक्त ही नहीं बल्कि चार्जशीटेड है और बेल पर है।
उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी के सारे कागजात ललन सिंह और नीतीश कुमार ने सीबीआई को उपलब्ध कराएं और इन्हीं लोगों ने आरोप लगाए इन्हीं लोगों के कारण एफआईआर दर्ज हुई और अब बगल में बैठ कर उनके पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं, वही इस मामले पर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उपमुख्यमंत्री को अब आ गया होगा समझ मे कोर्ट में सारी हेकड़ी निकल गई यही अदालत है, जिसने आपके पिता जी की चारा घोटाला में सजा सुनाई थी, यह तो आपका सौभाग्य है कि नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति मिल गए, वरना भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी व्यक्ति को कोई उपमुख्यमंत्री नहीं बनाता।