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जिसके बाद वन विभाग की टीम उसे पोस्टमार्टम के लिए भभुआ लेकर चली गई। इसके बाद उसे वन परिसर में दफना दिया गया। इसकी जानकारी देते हुए फारेस्टर राकेश कुमार ने बताया कि कभी-कभी अधिक भोजन करने के कारण भी सांस लेने में दिक्कत आने से ऐसे जीवों की मौत हो जाती है।
इसी तरह का अनुमान इस घड़ियाल के मौत पर लगाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह आंटडीह गांव के बच्चे नदी में स्नान करने गए थे। इसी दौरान नदी में घड़ियाल को देख लोग चिल्लाते हुए तट पर पहुंचे। लोग मगरमच्छ होने की आशंका देख इसकी सूचना वन विभाग को दिए थ।