Bihar: सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बेहतर डॉक्टर, दवा, स्वास्थ्य कर्मी और दूर दराज गांव से रोगियों को लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की है, लेकिन नुआंव प्रखंड स्थित गारा पीएचसी को लगता है कि इन सभी सरकारी मंसुबों से उनका कोई लेना-देना नहीं है, तभी पीएचसी से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर एंबुलेंस 1 घंटे में भी नहीं पहुंच सकी जबकि उक्त गारा पीएससी में दो एंबुलेंस है।
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दरअसल घटना सोमवार दिन 11 बजे की है प्रखंड के गोडसरा पोखरा से कुछ आगे सड़क पर मोटरसाइकिल से गिरकर एक दंपति घायल हो गए थे, महिला की स्थिति गंभीर प्रतीत हो रही थी, घायल दंपति सुभाष साह और उनकी पत्नी सरोज देवी रामगढ़ प्रखंड के ऊपरी गांव के बताए जा रहे हैं, सुभाष साह अपनी पत्नी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर नुआंव बाजार से अपने गांव ऊपरी जा रहे थे इसी दौरान पीछे बैठी पत्नी को झपकी आ गई और वह मोटरसाइकिल से गिर कर गंभीर रूप से जख्मी हो गई।
घटना के बाद गांव के कुछ लोग इकट्ठे तो हुए लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया इसके बाद फिर पीएससी प्रबंधक को फोन किया गया उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया फिर पीएचसी प्रभारी को फोन किया गया पहले तो उनके द्वारा कहा गया कि थाने को सूचना दीजिए लेकिन जब कहा गया कि या कोई क्राइम की बात नहीं है और है भी तो पहले आप एंबुलेंस भेजकर प्राथमिक उपचार करवाएं उसके बाद जो भी कागजी कार्रवाई होगी उसे पूरा करने जाएगा पहले जान बचाना जरूरी है, इसके बाद पीएचसी प्रभारी ने कहा कि ठीक है एंबुलेंस भेजते हैं।
करीब 15-20 मिनट इंतजार के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची फिर दोबारा प्रबंधक को फोन किया गया इस बार उनका मोबाइल फोन व्यस्त आने लगा प्रबंधक से बात हुई उन्होंने कहा कि अभी एंबुलेंस भेजते हैं, 15 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाएगी, वहीं घायल महिला दर्द से कराह रही थी और बार-बार बदहवास जैसी हरकत कर रही थी, जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो घायल व्यक्ति के द्वारा गांव फोन करके गाड़ी मंगाई गई उसके बाद गांव से आई गाड़ी पर महिला को अस्पताल भेजा गया।
अब सवाल यह उठता है कि घटनास्थल से घायल दंपति के गांव की दूरी 10 किलोमीटर है वहां से काफी बाद में सूचना देने पर भी गाड़ी पहुंच जाती है लेकिन महज 4-5 किलोमीटर दूरी पर स्थित पीएससी से एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है, ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के आपात चिकित्सा और उपलब्ध सेवाओं की स्थिति को सहजता से समझा जा सकता है कि धरातल पर स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या दशा है।