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इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी अजीत दूबे के बताया कि 13 जुलाई की रात्रि भोग लगाकर मंदिर से गए थे। वही जब 14 जुलाई की सुबह पूजा करने आए तो देखा कि शिवलिंग खंडित है और उसका एक टुकड़ा गायब है।स्थानीय लोगों के मुताबिक धारदार हथियार से वार कर शिवलिंग को दो भागों में तोड़ा गया और बीच का हिस्सा उठाकर ले जाया गया है। वही इस घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है। कुछ लोगों का मानना है कि शिवलिंग का हिस्सा धातु परीक्षण के लिए ले जाया गया है, जबकि अन्य का कहना है कि जानबूझकर इस घटना को अंजाम दिया गया ताकि सांप्रदायिक तनाव फैलाया जा सके।
आपको बता दे की मंदिर का निर्माण वर्ष 1734 ईस्वी में हुआ था और यहां स्थापित शिवलिंग अर्धनारीश्वर रूप में था। मंदिर में शंकर भगवान, पार्वती जी, गणेश जी, लक्ष्मी जी, नन्दी, हनुमान जी समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं, किन्तु उन्हें कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई। फिलहाल पुलिस प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस पदाधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि बहुत जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घटनास्थल पर रसुलपुर थानाध्यक्ष उदय कुमार,एकमा थानाध्यक्ष एवं पुलिस बल तैनात हैं।



