The ambush criminals kidnapped the grandson by beating the grandfather, the police recovered it in an hour
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इस दौरान रास्ते में पहले से घात लगाए कुछ अपराधियों ने पहले दादा पारस को पीटने लगे, जिस कारण उनके चेहरे पर आंख के पास गहरी चोट लग गई, इस दौरान अपराधी बच्चे को झपट कर अपने साथ चार पहिया वाहन में लेकर फरार हो गए, घटना के बाद तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को लेकर भागने की दिशा में पीछा करते हुए अपराधियों पर दबिश बना कर महज एक घंटे में ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद यादव ने बताया की अपहरणकर्ताओं की गाड़ी वजीरगंज पावर हाउस के निकट से होते हुए भाग रहे थे, बच्चे के परिजनों द्वारा घटना की सूचना समय पर मिल गई, जिससे उनके सुराग मिलने में आसानी हुई, पहले वह फतेहपुर की ओर भगाना चाह रहे थे, लेकिन संभवत पुलिस दबिश का आभास उसे हो गया था, जिस कारण तरवां से एक ग्रामीण सड़क से होते हुए सिरदला की ओर अपना रूट कर लिया, लेकिन पुलिस भी उसी दिशा में ही बढ़ रही थी, उसके बाद घेराबंदी के लिए फतेहपुर, सिरदला और मेस्कोर की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया।
जिससे वे चौतरफा घिरने की स्थिति में आ गए, इसके बाद अपराधियों ने अपने बचाव के उद्देश्य से बच्चे को सिरदला फतेहपुर सीमा पर चंबा गांव के निकट बाजार में छोड़ा और वहां से फरार हो गए, पुलिस ने बच्चे को बरामद करते हुए परिजनों को सही सलामत सौंप दिया है।
वही घटना में शामिल अपराधियों का पता लगाया जा रहा है, फिलहाल घटना के कारणों को पता नहीं चल सका है, वही अपहृत बालक सूरज कुमार के द्वारा बताया गया की वाहन में बैठने के बाद उन लोगों के द्वारा उसके आंख पर पट्टी बंद दी गई थी, इसके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार या मारपीट नहीं किया गया, अपहर्ताओं का समूह अपने वाहन में तेल कम होने एवं नंबर प्लेट बदलने का मौका नहीं मिलने की बात भी कर रहे थे और यही बात करते-करते अचानक एक सड़क किनारे अंधेरे में गाड़ी से उतार कर चले गए।