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मामले के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 सितम्बर दिन मंगलवार को एसडीएम कोर्ट में 107 के एक मामले में सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान 107 के आरोपी को जेल भेज दिया गया। जिसको लेकर अधिवक्ताओं ने कानून सम्मत कार्रवाई करने की बात कही। जिसको लेकर विवाद शुरू हुआ ओर देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। वही इस मामले में जानकारी लेने पर सदर एसडीपीओ गौरव पांडेय ने बताया की, एसडीएम कोर्ट में बॉडीगार्ड के साथ मारपीट एवं एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करने का सूचना मिली थी। जिसकी सूचना पर पहुंच मामले की जाँच की गई। जंहा जाँच के क्रम में पता चला कि, मोबाइल भी अधिवक्ता छीनकर ले गए है। जिस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है।
वही एसडीएम के साथ हुई मारपीट के आरोप पर अधिवक्ता संघ के महासचिव विन्देश्वरी पांडेय ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि, एसडीएम एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। अधिवक्ताओं ने न तो किसी के साथ मारपीट की है और न ही किसी का मोबाइल ली है। अधिवक्ता तो केवल इतना चाहते है की कोर्ट दोनों के तालमेल से चले। किन्तु एसडीएम साहब सारे नियम कानून को ताक पर रखकर अधिवक्ताओं के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर रहे है। हमलोग यही चाहते है कि विधि सम्मत कोर्ट अधिवक्ता एवं कोर्ट के तालमेल से चले।



