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जानकारी के अनुसार अंशु के परिजनों ने अपनी पुत्री का शव समझ उसका दाह संस्कार कर दिया लेकिन इसी बीच अंशु में परिजनों को वीडियो कॉल कर खुद के जिंदा होने की जानकारी दी, पहचान में चूक से जिस लड़की का दाह संस्कार किया गया था, उसके सामने आने के बाद पुलिस के लिए भी यह चुनौती बन गया था कि आखिर वह शव किसका था, फिलहाल आठ दिन के मशक्कत के बाद पुलिस इस बात का पता लगाने में सफल हो गई है कि उक्त शव मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र स्थित सोहरा गांव निवासी परमानंद शर्मा उर्फ पारो शर्मा की बेटी अंजलि कुमारी उर्फ़ अंजू की थी।
अंजू विवाहित थी और उसकी हत्या कर लाश नहर में फेंकी गई थी इधर अंजु के स्वजनों के फरार रहने से पुलिस आनर किलिंग की आशंका पर भी जांच कर रही है, अकबरपुर ओपी अध्यक्ष सूरज ने बताया कि अब तक जांच में यह बात सामने आयी है कि अंजली उर्फ अंजू की शादी मधेपुरा जिले के मजौरा ओपी क्षेत्र के किसी गांव में हुई थी वह उक्त शादी से खुश नही थी और इस चलते कई बार वह ससुराल से फरार भी हो गई थी इससे उसके माता-पिता सहित अन्य स्वजन भी काफी नाराज थे बहरहाल उसकी हत्या कर सीमा क्षेत्र में उसका शव फेंक दिया गया।
उसके स्वजन अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है स्वजनों के फरार होने से कई तरह की आशंका जन्म लेने लगी है और पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है, वही बलिया ओपी क्षेत्र के तुलसी बिशनपुर निवासी विनोद मंडल ने इस शव की पहचान अपनी पुत्री अंशु कुमारी प्रेम-प्रसंग में घर से फरार हुई थी, ऐसे में अंगुली व युवती के बदन पर मौजूद कपड़े के आधार पर शव की पहचान स्वजनों ने की थी, शव की पहचान की फेर में पिता ने उसे अंशु का शव मान उसका दाह संस्कार कर दिया था बाद में अंशु ने वीडियो कॉल कर अपने जीवित होने का प्रमाण दिया था।