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जिससे सारी तैयारी की गई। हल्दी,मेहंदी भी लगी, सारे रस्में लड़की के घर पर ही किया गया। वही सिंदूरदान की बारी आने पर लड़की की मां ने सुंदरनाथ धाम में सिंदूरदान करने की बात कही जिसके लिए सभी तैयार हो गए। इसके बाद मंगलवार की संध्या बैंगू मांझी, उनकी बेटी रीतिका, अधेड़ दूल्हा राजीव गुप्ता, उसका जीजा सुनील अग्रवाल और कुछ स्थानीय लोग शादी कराने कुर्साकांटा प्रखंड के सुंदरनाथ धाम मंदिर पहुंचे। जंहा मंदिर कमिटी के द्वारा दोनों पक्षों से पहचान पत्र मांगा गया। पहचान पत्र दिया भी गया किन्तु जब दो गवाहों को देने की बात कही गई तो स्थानीय लोग सुंदर नाथ धाम मंदिर से चले गए। इसके बाद धीरे-धीरे दूल्हे के साथ आए लोग भी घर चले गए।
जिसके बाद तत्काल मंदिर कमेटी के सदस्यों ने इसकी सूचना कुआडी़ पुलिस को दी। फिर सुबह कमेटी के माध्यम से लड़का और उनके जीजा को मंदिर बुलाया गया जहां पर दोनों पक्षों से पूछताछ के बाद शंका के आधार पर कुआडी़ पुलिस को लड़का और जीजा को सौंप दिया गया। मामले के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कुआडी़ थानाध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने बताया की लड़का व उनके जीजा को पूछताछ के लिए थाना लाया गया। पूछताछ से पता चला कि लड़की के माता-पिता अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं। इसमें दोनों पक्षो की सहमति शामिल थी। कई स्तर से इसकी जांच की गई। अंततः पीआर बांड बनाकर दोनों को छोड़ दिया गया। इधर लड़का का जीजा सुनील अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा, दिल्ली में लड़की की कमी होने के कारण लड़कों की शादी समय पर नहीं हो पाती है। परडिया गांव के कुछ मजदूर हमारे यहां काम करते थे, तो मैंने उनसे कहा था कि बिहार में लड़की मिल जाती है तो मैं अपने साले की शादी कराऊंगा।