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मामले के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सीओ मोनी कुमारी ने बतया की थाना प्रभारी के द्वारा बोले जाने लगा की बिना विनष्टिकरण कराए नहीं जाना है, अभी क्यों होगा, भागो भागो यहां से। भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे। धक्का मारते हुए थाने के चौबटिया से नीचे उतार दिया। जोरदार थप्पड़ भी मारा। उसके बाद हमको हाजत में बंद करने ले जा रहा था। वहां मोबाइल छीन लिया। वहां पर भी हमला किया। इसमें थाने के सभी स्टाफ मिले हुए थे। क्योंकि सबको पता था कि शनिवार है तो जनता दरबार में सीओ मैडम आएंगी हीं। थाने के उपर वाले रुम में बैठाकर रखा। वहां भी मारा पीटा। यह कहकर धमकाता रहा कि एससी/एसटी का केस कर जेल भेज देंगे। वही मामले की जानकारी होने पर डीएम-एसपी आए। इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। थाना प्रभारी और महिला सीओ के बीच मारपीट की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी रिची पाण्डेय एवं एसपी मनोज कुमार तिवारी तुरंत परिहार पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों से बात की और मामले की जानकारी ली। थाने पर शनिवारीय जनता दरबार के लिए सीओ मोनी कुमारी परिहार थाने पर पहुंची हुई थीं।
इसके बाद उन्हें उसी प्रखंड के बेला थाने पर जनता दरबार में शामिल होना था। भूमि विवाद से संबंधित मामलों के थाने स्तर पर निष्पादन के लिए प्रत्येक शनिवार को सभी थानों पर जनता दरबार आयोजित किए जाते हैं जिसमें दोनों पक्षों की बातें सुनकर एवं दस्तावेज का अवलोकन करके थाना प्रभारी एवं सीओ संयुक्त रूप से मामले का निष्पादन करते हैं। सरकर की कोशिश है कि थाने स्तर पर भूमि विवाद के छोटे-मोटे मामले समझौता के आधार पर निपटाकर शांति एवं सदभाव का वातावरण बनाया रखा जाए। उधर, इस पूरे मामले में थाना प्रभारी का पक्ष सामने नहीं आ सका है, मोनी कुमारी इससे पहले दरभंगा सदर में पदस्थापित थीं। वह मधुबनी जिले के धकजरी गांव की रहने वाली हैं। तीन साल से सीओ के पद पर सेवा दे रही हैं।