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आपको बता दे की यह स्थान थाने से महज़ 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, जो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े करता है। सुबह जैसे ही लोग अपने घरों से बाहर निकले, उन्हें यह दृश्य देखकर गहरा आक्रोश हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि तस्वीर कल शाम तक बिल्कुल सही थी। यह घटना न सिर्फ सीएम का अपमान है, बल्कि शासन की निष्क्रियता व राजनीतिक असहिष्णुता का प्रतीक बनकर उभरी है। वही मामले में जनता दल यूनाइटेड के स्थानीय नेता शिशुपाल भारती, विपिन बिहारी सिंह, रवीश कुशवाहा, बृजेश सिंह और अंशु कुशवाहा के द्वारा इसे एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश बताया जा रहा है।
उनका आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार की लोकप्रियता और विकास कार्यों से बौखलाए विरोधी दल अब इस प्रकार की ओछी हरकतों पर उतर आए हैं। तस्वीर पर कालिख पोतना सिर्फ एक राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मर्यादा पर हमला है। क्या राजनीतिक मतभेद अब व्यक्तिगत अपमान तक सीमित रह गए हैं? क्या यह घटना हमारी राजनीति में गिरते स्तर और बढ़ती असहिष्णुता का संकेत है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई आरोपी सामने नहीं आया है। प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि जल्द ही दोषियों की पहचान कर ली जाएगी।