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थाने में दिए गए आवेदन में आलोक कुमार झा ने बताया है की पहले तो फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया। इसके बाद मामले की जांच के लिए फोन को सीबीआई अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कही। इस दौरान अपराधी ने कहा कि आपका फोन रिकार्ड किया जाएगा। इसलिए आप सच-सच बोलिएगा। इसी दौरान उसे आरटीजीएस के माध्यम से 15 लाख रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कराए गए।
शुरू में तो यह कहा गया कि यह राशि एक से दो दिन में लौटा दी जाएगी, लेकिन जब कारोबारी ने पैसे ट्रांसफर कर दिए तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद उसने तुरंत इसकी सूचना बैंक को दी और साइबर थाने में भी आवेदन दिया। यह मामला 10 और 11 दिसंबर का है। पीड़ित आलोक कुमार झा ने मंगलवार को पुलिस को बताया कि उसने राशि फिक्स डिपाजिट कर रखी थी। एफडी को तोड़कर उसने 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।