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दरसल यह मामला वाद संख्या 3/2002 का है, जिसमें शांति देवी एवं अन्य ने बिहार सरकार, जिला समाहर्ता नवादा, कार्यपालक अभियंता एवं जिला भू अर्जन पदाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दायर कराया था। जिस मामले में सोमवार को न्यायालय कर्मी बाल्मीकि प्रसाद ने वादी के अधिवक्ता रंजीत पटेल के साथ समाहरणालय व सर्किट हाउस में ढोल बजाकर कुर्की का इश्तेहार चिपकाया। बिहार सरकार को वर्ष 2015 में 10 लाख 27 हजार 388 रुपए 27 पैसे का भुगतान करना था। किन्तु सरकार की उदासीनता के कारण यह भुगतान नहीं हुआ।
इस लिए अब 15 सालाना सूद के साथ यह राशि बढ़कर लगभग 25 लाख रुपए हो गई है। न्यायालय ने 2022 में बिहार सरकार को नोटिस जारी कर विस्थापितों के मुआवजे की राशि के भुगतान के लिए निर्देश दिया था। इसकी सूचना जिला समाहर्ता नवादा, कार्यपालक अभियंता और जिला भू अर्जन पदाधिकारी को दी गई थी। इसके बावजूद पदाधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण न्यायालय की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। जिसके बाद कड़ी कार्यवाई करते हुए न्यायालय ने कुर्की का आदेश दिया है।