Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
विपक्ष के नेताओं की मांग थी कि पिछड़ा, अति पिछड़ा के साथ ही आउट सोर्सिंग से राज्य सरकार की नौकरियों में आए लोगों को 65% आरक्षण का लाभ दिया जाए। आगे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जब प्रदेश में महागठबंधन की सरकार थी तो जाति आधारित गणना कराने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75% कर दिया गया। जिसमें 10 % आर्थिक रूप से कमजोर का आरक्षण भी शामिल है। हमारे गठबंधन की सरकार के द्वारा आरक्षण संशोधन को नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया गया था, किन्तु साजिशन भाजपा ने इसे नहीं किया। जबकि बाद में कोर्ट ने भी इस पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कहा कि बिना अध्ययन आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है। आगे उन्होंने तंज कसते हुए कहा की भाजपा सरकार ने भी बिना संशोधन ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण दिया। तब सवाल नहीं उठे।
जबकि हमारी मांग है कि आज बहुजन समाज की आबादी 85% है तो उसे आरक्षण का लाभ मिले। जिसके लिए सरकार कमेटी बनाए या फिर 85% आरक्षण देने का नया बिल लाए। जिसे क्रेडिट लेना हो ले ले, मगर बहुजन समाज को उसका अधिकार मिलना चाहिए हमारी चिंता यही है। आपको बता दे की जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार के द्वारा आरक्षण के 50% दायरे को बढ़ाकर 65% कर दिया था। किन्तु कोर्ट ने सरकार के इस विधेयक पर रोक लगा दी है।