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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौराहे पर खड़े हैं। सत्ता व कुर्सी के लिए समझौता कर चुके जिसका परिणाम है कि पूरी तरह से राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण बिहार के अंदर है और राजनीतिक अस्थिरता जब-जब आती है प्रशासनिक अराजकता चरम पर पहुंचता जाता है। अपराध भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचता है और आज वही स्थिति बिहार के अंदर है। जो मुख्यमंत्री को स्वार्थ महत्वाकांक्षा जगाने का काम किया है। वो व्यक्ति इनके सत्ता का दुरुपयोग कर रहा है और मुख्यमंत्री को जो देर से ही आभास हुआ है। श्रीमान लालू यादव हमारी कुर्सी छिनने के लिए बेताव है। प्रधानमंत्री का सपना तो साकार नहीं होने दिए। इसलिए तो भयभीत है और इस भय में क्या क्या घटना घटित होगा। लेकिन यह तय है कि 2024 में बिहार के लिए बड़ा बदलाव होगा वहीं ललन सिंह के इस्तीफे की चर्चा पर कहा कि यह जदयू का अंदरूनी मामला है ललन बाबू पहले भी इस्तीफा देकर भागे है फिर लौटकर आये हैं फिर भागेंगे समाजवादियों का चरित्र इसी तरह का होता है उसपर किसी को आश्चर्य नही होगा लोगों को।