Bihar: जहानाबाद जिले के मखदुमपुर में वाणावर पहाड़ी पर सिद्धेश्वर नाथ मंदिर परिसर में भगदड़ मचने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। मृतकों में 5 महिलाएं 1 पुरुष व 1 बच्चा शामिल है। दरसल यह घटना रात्रि 1:00 बजे की है। चौथी सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस बीच मंदिर परिसर की सीढ़ी पर एक फूल दुकानदार से एक युवक का विवाद हो गया। इसी बिच दुकानदार ने युवक पर लाठी चला दी। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से उलझ गए, इसी बीच मची भगदड़ में यह घटना घटित हुई है। भगदड़ मचने पर श्रद्धालु इधर उधर भागने लगे। इसी दौरान दबने से एक-एक कर 7 लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना की सूचना पर आधे घण्टे बाद पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को मखदुमपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने सात लोगों को मृत घोषित कर दिया।
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वही डीएम अलंकृता पांडे ने 7 लोगों की मौत और 9 लोगों के घायल होने की जानकारी दी है। घटना से मंदिर व अस्पताल परिसर में चीख पुकार मच गई। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। मृतकों में जहानाबाद के भेलावर थाना क्षेत्र के जोलह बिगहा निवासी सुशीला देवी, गया जिले के मऊ बाजार की पूनम देवी, मखदुमपुर के लड़ौआ की निशा कुमारी तथा जहानाबाद सदर थाना क्षेत्र के खगड़ी निवासी निशा देवी शामिल है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी अधिक भीड़ थी। भीड़ में शामिल लोग मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपाधापी कर रहे थे, इसी बीच एक दुकानदार व स्थानीय कांवरिया आपस में भिड़ गए, दुकानदार ने जैसे ही कांवरिया पर लाठी चटकाई, भगदड़ मच गई।
यहां सुरक्षा में भी बड़ी कमी है। प्रत्येक रविवार तथा सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होती है। लेकिन सुरक्षा के लिए मात्र तीन पुलिसकर्मी और एनसीसी के बटालियन रहते हैं, जिस कारण भीड़ नियंत्रित नहीं हो रही थी। घटनास्थल पर मौजूद सेवन गांव निवासी मनोज सिंह ने बताया कि किसी बात को लेकर कांवरिया और फूल वालों के बीच झगड़ा हो गया। जिसके बाद फूल वालों ने डंडा चला दिया जिससे भगदड़ मच गई। भगदड़ में मेरे परिवार का भी एक सदस्य लापता है। किसी तरह मेरी जान बच गई। उन्होंने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं था। आधे घंटे बाद पुलिस के जवान पहुंचे तब तक बड़ी घटना घट चुकी थी। यदि घटना स्थल पर सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।