Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

जिसके बाद अररिया पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए थानेदार पवन पासवान व महिला सिपाही अमृता कुमारी को निलंबित कर दिया है। दोनों पर वरीय अधिकारियों को गुमराह करने का आरोप लगा है। एसपी के दिए गए आदेश पत्र में बताया गया है की थानाध्यक्ष पवन पासवान 20 फरवरी को पुलिस अधीक्षक से आवेदन स्वीकृत कराकर अवकाश पर गए थे। जिस समय वे मुख्यालय छोड़ रहे थे, उस समय भी अररिया पुलिस ग्रुप में इसकी सूचना दी थी। उन्हें 25 फरवरी को जिला मुख्यालय व थाना पहुंचने की रिपोर्ट करनी थी। खैर निर्धारित तिथि को उन्होंने शाम करीब 7 बजकर 19 मिनट पर पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर यह सूचना दी कि वे अररिया पहुंच गए हैं। इसके 39 मिनट बाद थाना के सनहा में यह दर्ज होता है कि उनकी उपस्थिति थाना में हो चुकी है।
इसी बीच औचक निरीक्षण एसपी अंजनी कुमार उसी थाने में पहुंच गए। वहां मौजूद महिला सिपाही ने यह सूचना दी कि थानाध्यक्ष यहां पहुंच गए हैं। सनहा दर्ज कर कहीं निकले हैं। पुलिस अधीक्षक को उनकी गैर हाजिरी पर संदेह हुआ जिसके बाद तकनीकी टीम से उनके मोबाइल का लोकेशन देखा गया तो मधेपुरा में मोबाइल के सक्रिय रहने की जानकारी मिली। इस पर जब महिला सिपाही से सख्ती से पूछा गया तो उसने बताया कि थानाध्यक्ष के कहने पर उसने सनहा दर्ज कर दिया था। इस पर एसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया है। निलंबित थानेदार महकमे में पुलिस ग्रुप में डाले गए मैसेज के कारण भी चर्चा में थे। पुलिस ग्रुप में ही उनका एक मैसेज था कि कुछ लोग वरीय अधिकारियों के नाम पर पुलिस पदाधिकारियों से पैसे की मांग कर हैं। यह फ्राड है। इससे बचे रहें। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को दें। इस मैसेज से ग्रुप के हर सदस्य विस्मित हो गए थे।