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जिस पर वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति का मंदिर ट्रस्ट के उपयोग करने के दिए गए आदेश पर आपत्ति दर्ज करते हुए मामले को बिहार बक्फ ट्रिब्यूनल पटना में दर्ज किया है। जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर को की गई एवं अगली सुनवाई की तिथि 28 जनवरी को निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि 28 जनवरी को एसडीओ पूर्वी नगर निगम एवं मुशहरी अंचल से समन्वय बनाकर विधिक पक्ष अंचलाधिकारी मुशहरी के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे। दरसल वर्ष 2022 में तत्कालीन नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने 270 वर्गफीट (18×15) जमीन श्रीगरीबनाथ मंदिर न्यास समिति को प्रयोग करने के लिए दी थी। न्यास समिति के आग्रह और डीएम के निर्देश पर उन्होंने यह अनुमति दी थी। इसके विरोध में सोगरा वक्फ इस्टेट के मो. कमाल अहमद ने बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र भेजकर जांच कराते हुए विधिसम्मत कार्रवाई का आग्रह किया था।
इसमें कहा गया था कि छाता बाजार स्थित इमामबाड़े की जमीन श्रीगरीबनाथ न्यास समिति को दी गई है। 29 मार्च 1989 को छाता बाजार के इमामबाड़े को वक्फ की संपत्ति निबंधित कर दी गई है। पिछले वर्ष बिहार स्टेट बक्फ ट्रिब्यूनल में मामला आया। अधिवक्ता मो. अंजुम अख्तर ने डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि उक्त जमीन को नैवेद्यम प्रसाद वितरण के लिए निगम की ओर से दिया गया था। इस मामले में वाद दायर होने के बाद बीते 13 दिसंबर को सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने पूछा कि वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पत्र पर क्या कार्रवाई की गई। अगली तिथि को इसका जवाब दाखिल किया जाना है। मामले में अपर समाहर्ता एवं मुशहरी के अंचलाधिकारी को सूचना के साथ आवश्यक कार्रवाई का आग्रह जिला विधि प्रशाखा की ओर से किया गया है।