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आगे उनके द्वारा कन्हैया कुमार की पलायन रोको यात्रा पर हमला बोलते हुए कहा गया की यह जन सुराज के प्रयास की ताकत है कि आज दूसरे राजनीतिक दलों के नेता एवं कार्यकर्ता जमीन पर जाकर जनता से संवाद स्थापित कर रहे हैं। जन सुराज के आने से दूसरे राजनीतिक दलों को यह एहसास हो गया है कि अगर वे काम नहीं करेंगे तो जनता उन्हें नकार देगी। इसके साथ ही उन्होंने पत्रकारों को कहा की आपलोगो को कन्हैया कुमार से सवाल करना चाहिए कि वो बिहार में पलायन की बात कर रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी के तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी कहते हैं कि बिहारियों के DNA में मजदूरी है। बिहारी मजदूर बनने के लिए ही पैदा होते हैं। कन्हैया के साथ-साथ राहुल गांधी को भी रेवंत रेड्डी के बयान पर जवाब देना चाहिए। बिहार के बाहर उनके नेता बिहारियों को गाली देते हैं और वे यहां आकर बिहार के लोगों से वोट कैसे मांग सकते हैं।
आगे उन्होंने सीएम नितीश पर निशाना साधते हुए कहा की सीएम नीतीश कुमार को पिछले 10 सालों से PM बनने का भूत सवार है। उनकी सोच है कि अगर हम दूसरे राज्यों के लोगों को बिहार में नौकरी देंगे तो उन राज्यों में उनकी खुद की छवि चमकेगी। नीतीश कुमार ने अपनी छवि चमकाने के लिए बिहार के युवाओं की नौकरियों की कुर्बानी दे दी। वही उन्होंने तेजस्वी यादव और कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि जब शिक्षकों की बहाली हुई थी तब सरकार महागठबंधन की थी और तेजस्वी यादव उस सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। लेकिन तब उन्हें बिहार के युवाओं की चिंता नहीं हुई। साथ ही जब भाजपा सरकार में होती है तब वह डोमिसाइल नीति का विरोध नहीं करती। उन्होंने कहा कि मैंने युवाओं से जुड़े मुद्दे जैसे BPSC पेपर लीक, डोमिसाइल नीति आदि को लेकर आमरण अनशन किया था। जन सुराज कह रहा है कि बिहार की नौकरियों में 75 फीसदी सीटें बिहार के बच्चों के लिए आरक्षित होनी चाहिए।