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जिसके बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा और विधान परिषद में जमकर हंगामा किया और नीतीश कुमार से माफी की मांग की। दरसल यह परिवाद राष्ट्रगान के अपमान के आरोप में दर्ज हुआ है। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 298, 352 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2, 3 लगाई गई हैं। अधिवक्ता सूरज कुमार ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि 20 मार्च को सेपकटरा विश्वकप खेल के शुभारंभ के दौरान राष्ट्रगान हो रहा था।
उस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान किया। उन्होंने प्रधान सचिव को भी अपमानित किया। सूरज कुमार का कहना है कि सीएम के इस काम से बिहार ही नहीं, पूरा देश शर्मसार है। इसी वजह से उन्होंने न्यायालय में परिवाद दायर किया है। उन्होंने बताया कि इसमें अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती हैं। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी। इस घटना के बाद बिहार की राजनीति गर्म हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने विधानसभा और विधान परिषद में एनडीए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।