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जिसके बाद वरीय पदाधिकारी के आदेशानुसार एसडीपीओ महेश चौधरी एवं थानाध्यक्ष अजय कुमार के निर्देशन में एक एसआईटी टीम गठित की गई। अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आई कि बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी को बुधौली गांव के उग्रीन प्रसाद के पुत्र अमरेन्द्र कुमार एवं दिऔरा गांव के रामानंद शर्मा के पुत्र मनीष सिंह ने पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनाया और जिताकर मुखिया बनाया। मुखिया बनने के बाद वर्ष 2019 से अब तक मुखिया केवल सरकारी योजना का राशि निकालने के लिए अंगूठा/ हस्ताक्षर लगाता रहा और सभी पैसा अमरेन्द्र एवं मनीष सिंह लेता रहा।
पुलिस के अनुसार अनुसंधान में सामने आया कि एक- दो माह से मुखिया योजना मद की निकासी के लिए विपत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे। यहां तक कि गांव के इंटर विद्यालय में बाउंड्री वाल का निर्माण करा रहे अमरेन्द्र एवं मनीष को काम करने से रोक दिया था। इधर, पंचायत का उप मुखिया भलुआ गांव निवासी अनुज कुमार पांडेय उर्फ छोटू पांडेय से अमरेन्द्र एवं मनीष ने संपर्क किया। मुखिया बनाने की शर्त पर छोटू पांडेय को तैयार किया। दोनों ने कहा कि मुखिया बनने के लिए वर्तमान मुखिया को रास्ते से हटाना होगा। जिसके बाद छोटू पांडेय मुखिया को रास्ते से हटाने को तैयार हो गया।