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उन्होंने जमीन की किस्म और दर को लेकर आयुक्त के यहां वाद दायर किया था। किसानों का कहना था कि सीमावर्ती राज्य उत्तरप्रदेश में उन्हें जमीन का उच्च दर मिलता है। जबकि बिहार में कम दर मिलता है। उनका तर्क था कि वर्षों से बिहार का MVR दर संशोधित नहीं हुआ है। जिसे लेकर भू अर्जन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर द्वारा एक साथ कई वादों की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया गया है। आयुक्त ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल एप्लीकेशन नंबर 4671/2022 में पारित आदेश का हवाला देते हुए फैसला दिया है कि भूमि का मूल्य स्थिर नहीं हो सकता और सामान्यतया भूमि के बाजार मूल्य में प्रतिवर्ष औसतन 10% की बढ़ोतरी होती रहती है। अतः राष्ट्रीय उच्च पथ अधिनियम 1956 की धारा 3जी(5)में वर्णित प्रावधान के आलोक में भू अर्जन के लिए पूर्व में निर्धारित दर को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। आर्बिट्रेटर ने भू अर्जन पदाधिकारी कैमूर को निर्देश दिया है कि नई दर के आधार पर मुआवजा राशि की गणना कर मुआवजा का भुगतान शीघ्र करें।
ज्ञात हो की भू स्वामियों तथा जिला प्रशासन के बीच लंबे समय से इस मामले को लेकर गतिरोध व्याप्त था। कई बार भू स्वामियों द्वारा संबंधित प्रोजेक्ट कंपनी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया गया था। जिला पदाधिकारी के पहल पर भू स्वामियों के मांग के अनुरूप पटना स्थित आर्बिट्रेटर कोर्ट की सुनवाई कैमूर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही कराई जा रही थी। डीएम सावन कुमार ने बताया कि आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल द्वारा जिले के भू अर्जन से संबंधित मामलों की एक साथ सुनवाई की गई तथा विधिसम्मत एवं निर्णायक फैसला प्राप्त हुआ है। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 के कार्य में तेजी आएगी।
भू अर्जन पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार सज्जन ने बताया की वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के औरैया,बेरी, बेतरी और दुमदुम मौजा के कतिपय रैयतों तथा राष्ट्रीय उच्च पथ 219 मोहनिया भभुआ चांद धरौली पथ परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के झझनी, चांद,बेतरी और दतियाव के कुछ रैयतों जिनके वाद में फैसला आया है, संशोधित नए दर पर पंचाट बनाकर NHI को अनुमोदन हेतु पिछले सप्ताह ही भेजा जा चुका है। NHI से अनुमोदन प्राप्त होते ही आम सूचना निर्गत कर भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। संशोधित अवॉर्ड बनाया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि एक सप्ताह के अंदर सभी संशोधित दर या किस्म, जो भी हों, उसका अवार्ड बनाकर NHI को अनुमोदन हेतु भेज दें । NHI से अनुमोदन प्राप्त होते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।