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घटना की सुचना पुलिस को मिलती इससे पूर्व ही कमलेश यादव ने युवती के शव को दफनावा दिया। मृतक उषा की मां ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर रहिका थाना के थानाध्यक्ष रवींद्र कुमार को लिखित रूप से एक आवेदन के जरिए अपनी पुत्री उषा कुमारी को गांव में ही लाइट साउंड का कार्य करने वाले कमलेश यादव के द्वारा छेड़छाड़ किए जाने की जानकारी के साथ ही उसे घर से बुला कर उसके साथ 15 जुलाई की रात्रि दुष्कर्म कर हत्या कर देने की बात कही जिसके बाद रहिका थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए देर रात्रि परिजनों के निशानदेही पर दफ़नाये गए जगह से उषा की शव को मिट्टी से उखाड़ कर बरामद किया गया। इसके बाद 17 जुलाई 2024 की सुबह उषा के शव का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
जिसके बाद सदर पुलिस उपाधीक्षक राजीव कुमार के नेतृत्व में थानाध्यक्ष ने पुलिस टीम व टेक्निकल सेल के साथ मामले का वैज्ञानिक अनुसंधान करते हुए मृतक उषा का गायब मोबाईल का पता लगाया। इसके साथ ही कमलेश यादव को उठाया जिसके बाद पुलिस के पूछताछ में कमलेश यादव ने पुलिस को बताया की वह उषा से प्रेम करता था उससे भाग कर शादी करना चाहता था लेकिन उषा सबकी मर्जी से कोर्ट में शादी करने के लिए कहती थी। लेकिन कमलेश यादव के मन में उषा के प्रति ,सेक्स और धोखा का पाप पल रहा था। वही बीते 15 जुलाई 2024 को देर रात्रि में वह उषा को फोन पर दबाव बनाकर अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म कर उसके सलवार से उसका गला घोट कर उसकी हत्या कर उसके शव को पोखर में फेक दिया। सुबह शव लोगों ने देखा तो कुछ दबंग लोगो को उकसा कर शव को फिर जिबाच नदी के पास दफनवा दिया।
हत्या कांड का उद्भेदन करने के दौरान पुलिस को कमलेश के लव सेक्स और धोखा के मामले का खुलासा हो गया। जिसके बाद मधुबनी पुलिस ने चैन की सांस ली। उषा एक महादलित परिवार से थी ,उषा की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को लेकर विभिन्न दलित संगठनों में आक्रोश बढ़ गया था। जिससे आंदोलन की सर बुगाहट भी होने लगी थी पुलिस के द्वारा मामले का उद्भेदन कर आंदोलन पर विराम तो लग गया लेकिन उषा की हत्या के बाद शव को दफनाने और पुलिस तक सूचना नही पहुंचने देने वाले सहयोगियों पर पुलिस का शिकंजा कब किस किस पर कसेगा इसको लेकर चर्चा का बाजार अभी भी गर्म है।