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स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों में मौजूद एक व्यक्ति रामनयन सिंह ने बताया इनके दुकान के सामने ही महज 10 मीटर की दूरी पर दो-दो ब्रेकर बने हुए हैं, ब्रेकर पर किसी तरह का कोई सफेद पट्टी आदि भी नहीं बनाई गई है कि लोग दूर से पहचान सके दूर से देखने में बिल्कुल सपाट नजर आता है, लोग समझ नहीं पाते हैं और उस ब्रेकर पर बाइक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जा रही है, ऐसी घटना प्रतिदिन हो रही है, इसी तरह की घटना मंगलवार की दोपहर भी 2:00 बजे के आसपास घटित हुई जिसमें महिला की मौत हो गई, जबकि न्यायालय के आदेश के अनुसार मुख्य मार्ग में कहीं भी ब्रेकर बनाने का प्रावधान नहीं है बावजूद ब्रेकर का निर्माण किया गया है, जिस कारण से प्रतिदिन लोगों की जान माल की क्षति हो रही है।
जब ब्रेकर से संबंधित जानकारी भभुआ पथ निर्माण विभाग के स्कूटीव इंजीनियर संजीव कुमार से लिए तो उन्होंने बताया सड़क निर्माण के दौरान विभाग के माध्यम से कहीं भी ब्रेकर का निर्माण नहीं किया जाता है। ब्रेकर स्थानीय लोगों के माध्यम से खुद से बना दिया जाता है। विभाग के माध्यम से इस ब्रेकर को ना ही बनाया जा सकता है ना ही बने हुए ब्रेकर को हटाया जा सकता है, जब तक की जिला पदाधिकारी का आदेश इन्हें प्राप्त ना हो। भभुआ पथ निर्माण विभाग की स्कूटीव इंजीनियर के द्वारा दी गई जानकारी पर अब यह सवाल उठ रहा है कि।
जब स्थानीय ग्रामीण के द्वारा सड़क निर्माण के दौरान खुद से ब्रेकर बना दिए जा रहे हैं तो उस समय पथ निर्माण विभाग के कर्मियों के द्वारा इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी सहित स्थानीय थाने को क्यों नहीं दी गई, क्यों मौन धारण किया गया जबकि माननीय न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है की मुख्य मार्ग में कहीं भी ब्रेकर का निर्माण नहीं किया जाना है, बावजूद विभाग के सामने ही स्थानीय लोग के द्वारा ब्रेकर का निर्माण किया जाता है और विभाग चुप रहती है, तो इसे विभाग की मौन स्वीकृति और सहमति ही समझी जाएगी, जिसका खामियाजा आने जाने वाले वाहन चालक भुगत रहे हैं।