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आवेदन में उन्होंने कहा है की महारानी कामसुंदरी देवी के एटॉनों उदयनाथ झा उर्फ विष्णु और कामेश्वर रिलिजियस ट्रस्ट के प्रबंधक केदारनाथ मिश्र एवं अन्य के द्वारा साजिश कर उक्त बोल्ट में रखे गए जेवरातों को निकालकर बेच दिया गया है। साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि उक्त घटना को 15 से 20 दिन पहले ही अंजाम दिया गया है। महारानी अब काफी वृद्ध हो चुकी है। जिसके कारण वे अपने होशो हवास में प्रायः नहीं रहती है। जिसका नाजायज फायदा उठाकर उपरोक्त उदयनाथ झा ने कामेश्वर रिलिजियस ट्रस्ट के देवी देवताओं के मंदिर के करोड़ों की बेशकीमती संपत्ति को बेच दिया है।
वही कुमार कपिलेश्वर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमलोग का एक ट्रस्ट है। जिसे सर कामेश्वर सिंह ने बनाया था। जिसके अंदर 108 मंदिर पूरे विश्व में बनाया गया है। जिसके अंदर मंदिर, पोखर, जमीन और ऑर्नेमेंट्स भी है। जिसे ट्रस्ट के ट्रस्टीज के द्वारा SBI के लॉकर में रख दिया गया था। मुझे पता चला की मैनेजर और उदय नाथ झा के द्वारा लॉकर खोलकर आभूषण निकालकर बेच दिया गया है। सूचना मिलने के बाद मैं दरभंगा आया हूँ। मेनेजर से बात किया तो उन्होंने स्वीकार है की मुझे उदय नारायण झा ने कहा था। जिसके बाद मैने FIR करने के लिए आवदेन दिया है। वही उन्होंने कहा की ये बहुत बड़ा घोटाला है। इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए। ED इंक्वायरी होना चाहिए। इसमें कौन कौन संलिप्त है।
वही घटना से सम्बंधित जानकारी लेने पर सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया की यूनिवर्सिटी थाना मे दरभंगा राज परिवार के कपिलेश्वर सिंह के द्वारा मामला दर्ज कराया गया है। जिसकी कांड संख्या 34/24 है। आवेदन में उनके द्वारा कहा गया है की उनके परिवार से जुड़े हुए उनके प्रबंधक ने फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए मूल्य के हीरे जवाहरात और कुछ एंटीक आइटम जो बैंक के लॉकर में रखे थे। उन्हें अवैध तरीके से महारानी के बूढ़े होने का फायदा उठाते हुए कही बेच दिया है। उन्होंने कहा की मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल ही पुछताछ की गई और तकनीकी अनुसंधान करते हुए रेड किए गए। मामले के दर्ज होने के 1 घंटे के भीतर काफी मात्रा में जो माल बेचा गया था वो बरामद हुआ है। एक स्वर्णकार को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। अभी 3 लोग गिरफ्तार हुए है और आगे मामले की जांच की जा रही है।